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उफ़्फ़ ये मुसीबतें-5

उफ्फ मेरे खुदा!!🥵 कितनी तेज धूप थी आज तो!☀️ मै जो अभी अतिया के साथ बाज़ार से आई, आते साथ आंगन में बैठी चाची के पास पहुंच गई और उनकी ही चारपाई पर अपना हिजाब और बैग रख धप से बैठ गई 😩 शाम का वक्त था, कुछ नए चेहरे भी दिख रहे थे, शायद नए मेहमान आ गए थे, सारी औरतें आंगन में इकट्ठा थी, सब शौक से मेरे पास आ बैठी क्युकी मैं ज़किया की गहनों की शॉपिंग करके वापस आई थी। चाची की भाभी जो ज़रा दूर थी चारपाई से वो भी अपनी कुर्सी कुछ ज्यादा ही मेरे पास सटा कर बैठ गईं, शुक्र है 😌कि गोद में नहीं बैठी मैंने उनकी फुर्ती देखी और मन मन ही मन में सोचा🤔😉 बात गहने की थी तो ख्वातीनों का दिलचस्पी लेना नॉर्मल बात थी ,एक-एक करके सभी के हाथों में गहने जांचे जाने लगे और सब अपने-अपने अंदाज में गहनों का पोस्टमार्टम करने लगी एक हाथ फिर दूसरा हाथ इस तरह गहने ,आखिर में चाची के पास आ जाते और वह वापस मुझे थमा देती है जिसे मैं अपने बैग में रख ले रही थी सभी बहुत ही मोहब्बत और चाव के साथ गहने देख रही थी😀 ।चच्ची की भाभी(रौशन आंटी) अलबत्ता नाक भौं चढ़ा रही थी🤨 जो हाथों के साथ आंखों से भी गहनों को तौल रही थी उनके हाथों क
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उफ़्फ़ ये मुसीबतें-4

  उफ़्फ़ ये मुसीबतें शादी में फू फ़ा   "अरे जंबो🧐!! तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? बारात बस आने वाली होगी।" एक अजनबी औरत ने मुझसे कहा  "जी हुई तो थी, ये पोशाक तो नहीं पहनी थी मैने।😮" "अरे,तमीज छू कर भी नहीं गुजरी इस लड़की को"🤨 एक अनजान औरत ने मुझे घूरते हुए कहा  "अरे ना पूछो🙄😏। कोई सलीका नहीं, बहनों के ऊपर डिपेंडेंट, सारा काम और ख्याल वही करती हैं खाला"  अजरा ने भी शिकायत लगाई  यह कौन है जिसको अज़रा पहचानती है मैं नहीं🤔🙄 "देखिए ना सलवार कौन सा तो कुर्ता कौन सा, कुर्ता भी मरदाना लगता है ,और दुपट्टा कहां है तुम्हारा🧐 ?" "अरे!😧  मैं शादी के हॉल में बिखरे बाल और उल जलूल हुलिए मैं क्या कर रही हूं और ये शादी का फंक्शन मेरे यूनिवर्सिटी में क्यों हो रहा है?" " तुम वहां बैठो😒👿!" Bestseller accessories एक खतरनाक वेटर ने मुझे भीखमंगो की तरह प्लेट दी और जमीन पर बिछे बोरे पर बैठने को कहा ,उसकी इस हरकत पर मेरा गुस्सा बेकाबू हो गया मैंने उसी का दिया हुआ प्लेट उसी के ऊपर दे मारा,😬😤  Marriage dinner  उस को मारने के जोश में म

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-3

घराना शादी का "आहा आ गई मेरी बिटिया😃🤗।।।" चाची ने देखते ही अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी और मैं किसी नखरीली हीरोइन की तरह उनसे कतरा कर उनसे दूर हो गई और उनके हाथ हवा में ही लहरा कर रह गए "ऐ भला, ये क्या हरकत है ?😕"चाची ने मुझे हैरानी से देखते हुए कहा  "चाची बहुत लंबी कहानी है अभी बस इतना समझिए मै धूल पसीने से सराबोर हू पहले नहा लूं " "वाह री लड़की🤣" इस दफा चाची हंस पड़ी " वैसे ,हमारी बन्नो कहा है?😏" मैंने जाते हुऐ मुड़ कर पूछा  "हां! पहले उससे मिल लेना जब से सुना है तुम आ रही हो कितनी दफा तुम्हारा पूछ चुकी है" जी, उसकी ही तो खबर लेनी है, यही तो मौका है मैंने मुस्कुरा कर सोचा:::😉 Marriage party ज़बरदस्त रिवायती शादी का माहौल लग रहा था अमूमन शहरों में ऐसा तो अब शायद ही देखने को मिले सारे में साफ सफाई रंग रोगन का काम दिख रहा था जो लगभग निपट चुका था एक तरफ तकिया बिस्तर चांदनी का ढेर तो दूसरी ओर झालर वाली लाइट का गट्ठर रखा था ,गेहूं चावल की बोरिया भी लाइन से लगी थी कुछ औरतें चावल साफ भी कर रही थी कुछ बच्चियां मेहंदी के पत्ते पी

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-2

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-2 जंबो का suffer Jumbo ka suffer Marriage invitation  "ये सूट रख दूं?" शफ़क़त ने अपना नया तरीन जोड़ा मेरी तरफ लहराते हुए दिखाया मैंने मोबाइल में गेम खेलते हुए कहा "हां रख दो" शफ़क़त-- "ये वाला?" जंबो-- " हां रख दो" शफ़क़त-- "और ये वाला?" जंबो-- " हां भई रख दो" अज़रा ने चहकते हुए पूछा " अप्पी क्या आप वहां लुंगी नृत्य करने वाली हैं? " मैंने अज़रा बीबी को घूरते हुए पूछा --" ये क्या बकवास फरमाया आपने?" शफ़क़त ने हाथ में अब्बू की लुंगी थामे गुस्से से चीखते हुए कहा --" मैं यहां किचन का काम बीच में छोड़ कर तुम्हारा बैग पैक कर रही हूं और तुम मोबाइल में घुसी पड़ी हो ।। देख भी नहीं रही की मै तुम्हे क्या दिखा रही हूं।।" "खी खी खी खी".....यह अजरा थी जो अपनी हसीं को केमि्ट्री कि मोटी सी किताब के पीछे छुपाने की कोशिश कर रही थी "ख़ैर अभी कोई पंगा नहीं ये सब सामान को एक दफा ज़रूर चेक कर लेना बाद में कोई नाटक नहीं सुनना मुझे.." Sisters conversa

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-1

उफ्फ ये मुसीबतें। ये कप किसने तोड़ा? किसने तोड़ा कप? Broken cup हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता है कभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने हिस्से के आम कुर्बान करना पड़ता है और इस कुर्बानी में मुझे जबरदस्ती शामिल किया जाता है  अफसोस । Happy family हम मध्यर्गीय जीवों का जीवन बड़ा ही सरल होता है जितना सरल होता है उतना ही कठिन भी होता है इस बात से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं क्योंकि हमारे इंडिया में नौजवानों की और बेरोजगारों की संख्या सबसे ज्यादा है वैसे ही मध्यमवर्गीय परिवार भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं इस प्रकार के धर्मसंकट से हम दो चार होते रहते हैं और इसी compromises के साथ जीना पड़ता है लेकिन हम तो ठहरे जंबो अरे हमने तो दो बार UPSC प्री क्वालीफाई किया है।हम क्यों करने लगे कॉम्प्रोमाइज हम तो अब्बू की लात खा कर ही मानते हैं। लेकिन साथ ही हमारा अपने छोटो पर भी बड़ा रोब है इज्जत की गारंटी तो हम नहीं लेते हैं लेकिन डर बहुत है हमारा छोटे बच्चों की चॉकलेट