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Showing posts from May, 2020

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-2

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-2 जंबो का suffer Jumbo ka suffer Marriage invitation  "ये सूट रख दूं?" शफ़क़त ने अपना नया तरीन जोड़ा मेरी तरफ लहराते हुए दिखाया मैंने मोबाइल में गेम खेलते हुए कहा "हां रख दो" शफ़क़त-- "ये वाला?" जंबो-- " हां रख दो" शफ़क़त-- "और ये वाला?" जंबो-- " हां भई रख दो" अज़रा ने चहकते हुए पूछा " अप्पी क्या आप वहां लुंगी नृत्य करने वाली हैं? " मैंने अज़रा बीबी को घूरते हुए पूछा --" ये क्या बकवास फरमाया आपने?" शफ़क़त ने हाथ में अब्बू की लुंगी थामे गुस्से से चीखते हुए कहा --" मैं यहां किचन का काम बीच में छोड़ कर तुम्हारा बैग पैक कर रही हूं और तुम मोबाइल में घुसी पड़ी हो ।। देख भी नहीं रही की मै तुम्हे क्या दिखा रही हूं।।" "खी खी खी खी".....यह अजरा थी जो अपनी हसीं को केमि्ट्री कि मोटी सी किताब के पीछे छुपाने की कोशिश कर रही थी "ख़ैर अभी कोई पंगा नहीं ये सब सामान को एक दफा ज़रूर चेक कर लेना बाद में कोई नाटक नहीं सुनना मुझे.." Sisters conversa

उफ़्फ़ ये मुसीबतें-1

उफ्फ ये मुसीबतें। ये कप किसने तोड़ा? किसने तोड़ा कप? Broken cup हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता है कभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने हिस्से के आम कुर्बान करना पड़ता है और इस कुर्बानी में मुझे जबरदस्ती शामिल किया जाता है  अफसोस । Happy family हम मध्यर्गीय जीवों का जीवन बड़ा ही सरल होता है जितना सरल होता है उतना ही कठिन भी होता है इस बात से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं क्योंकि हमारे इंडिया में नौजवानों की और बेरोजगारों की संख्या सबसे ज्यादा है वैसे ही मध्यमवर्गीय परिवार भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं इस प्रकार के धर्मसंकट से हम दो चार होते रहते हैं और इसी compromises के साथ जीना पड़ता है लेकिन हम तो ठहरे जंबो अरे हमने तो दो बार UPSC प्री क्वालीफाई किया है।हम क्यों करने लगे कॉम्प्रोमाइज हम तो अब्बू की लात खा कर ही मानते हैं। लेकिन साथ ही हमारा अपने छोटो पर भी बड़ा रोब है इज्जत की गारंटी तो हम नहीं लेते हैं लेकिन डर बहुत है हमारा छोटे बच्चों की चॉकलेट