उफ्फ ये मुसीबतें।
ये कप किसने तोड़ा?
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किसने तोड़ा कप? |
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Broken cup |
हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता है
कभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने हिस्से के आम कुर्बान करना पड़ता है और इस कुर्बानी में मुझे जबरदस्ती शामिल किया जाता है अफसोस ।
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Happy family |
हम मध्यर्गीय जीवों का जीवन बड़ा ही सरल होता है जितना सरल होता है उतना ही कठिन भी होता है इस बात से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं क्योंकि हमारे इंडिया में नौजवानों की और बेरोजगारों की संख्या सबसे ज्यादा है वैसे ही मध्यमवर्गीय परिवार भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं इस प्रकार के धर्मसंकट से हम दो चार होते रहते हैं और इसी compromises के साथ जीना पड़ता है लेकिन हम तो ठहरे जंबो अरे हमने तो दो बार UPSC प्री क्वालीफाई किया है।हम क्यों करने लगे कॉम्प्रोमाइज हम तो अब्बू की लात खा कर ही मानते हैं। लेकिन साथ ही हमारा अपने छोटो पर भी बड़ा रोब है इज्जत की गारंटी तो हम नहीं लेते हैं लेकिन डर बहुत है हमारा छोटे बच्चों की चॉकलेट टॉफी खिलौने सब पे हमारा हक रहता है बिना किसी हिचक के। खैर अब आते हैं हमारे घर पर ।
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Siblings |
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शरारतें।। |
आपको हमारे घर ही नही बल्कि हमारे दिल बहुत बड़े मिलेंगे हमारा घर बहुत ही छोटा सा और प्यारा सा है असल में ये सब कहने की बात है घर छोटा ही है मगर प्यारा शब्द तो यूं ही लगाना पड़ता है जिससे मन को अच्छा लगे जैसे सजावट के केक पर चेरी, नेता और झुट, बारिश और मच्छर। और ऐसे ही इस छोटे से घर में हम सब बड़े प्यार और मिल्लत के साथ लड़ाई झगड़े करते हुए रहते हैं असल में लड़ाई झगड़े ही होते हैं ज्यादातर। इस छोटे से घर की कई सारी खासियत है जैसे जोक किसी एक को सुनाओ, पर हंसता पूरा घर है चाहे वो तस्वीह पढ़ती दादी हों या फिर पेपर पढ़ते हुए मेरे अब्बू या फिर बगल में बैठी मेरी बहन जिसको मैंने जोक सुनाया, सब के सब हंसने यहां तक की किचन में रोटी बनाती हुई मेरी मंझली बहन भी हंसने लगती है । ये तो हुई मज़ाक की बात, कभी कभी तो अब्बू डांटते किसी एक को हैं पर हम सब सब कन्फुजिया जाते है कि डांट पड़ किसको रही है ।
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Fun time |
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Family time |
हाँ इससे भी एक बड़ा ही अच्छा किस्सा याद आया एक बार हम तीनों बहनें कमरे में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे सबकी नजर किताबों गड़ी हुई थी दरअसल गड़ी नहीं गाड़ी गई थी क्योंकि पिताजी घर में ही मौजूद थे अचानक उनकी गराजदार आवाज़ आई ये कप किसने तोड़ा? मेरी तो जान ही निकल गई आखिरकार सुबह में किया हुआ मेरा कांड अब्बू को पता चल ही गया इनके आगे तो बड़े से बड़े जासूस भी पानी भरते हैं। लेकिन मैंने तो उस कप की लाश ठिकाने लगा दी थी फिर उन्हें वो कहां बरामद हुआ, मैंने माफी मांगने में ही भलाई समझी ।
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Cup |
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A cup of refreshing Tea |
अपनी आंखो को जोर जोर दबा कर आंसू निकालने की कोशिश की और मार्मिक (मिमियाती) आवाज में कहा अब्बू वो ज़रा सा हाथ फिसल गया' तभी मुझे लगा मेरी आवाज़ गूंज रही है,मैंने नज़रे फेरी तो पता चला मेरी मंझली बहन भी अब्बू का हाथ थामकर यही बात दोहरा रही थी। आवाज़ के साथ ही हमारी नज़रे टकराई और देखते ही समझ गए कि कांड हो गया माफ़ी मांगने में जरा जल्दी कर दी, अब्बू ने अपने मजबूत हाथों से हम दोनों के कान ऐठते हुए उन्ही के सहारे हमें उठाया मुझे आज भी अपने कान की हड्डियों के चटखन याद है।
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Fun time with siblings |
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Siblings |
अब्बू ने प्यार से पूछा कि "आपने कब तोड़ा कप, और आपने कब कप तोड़ा? अब छुपाने का कोई फायदा ना था तो सबने गलती कुबूल करने में ही भलाई समझी। मंझली बहन ने बताया कि सुबह मुझसे बर्तन मांजते वक्त कप टूटा था। अब हम तो ठहरे जंबो हम तो कोई काम नहीं करते तो हमसे चाय पीने में कप टूट गया था असल में हमारे सोफे के बगल एक स्टूल होती है जो पता नहीं उस वक्त कहां गायब हो गई थी, क्रिकेट में इतना खोए हुए थे कि हमने स्टूल की मोजुदगी देखना जरूरी समझे बिना कप हवा के हवाले कर दिया, उधर विराट का सिक्स इधर कप शहीद। फिर ध्यान आया कि उस स्टूल पर तो हमने अपने पैर पसारे हुए थे। मगर कप तो सिर्फ एक बरामद हुआ हम समझ गए कि शफ़क़त (मंझली बहन) से कर्म और हमसे कांड हो गया इतना सोच ही रहे थे कि अब्बू ने हमें अपने तफ्तीश घर यानी अपने ऑफिस में बैठाकर हम दोनों को बर्तन कैसे माजे और सुघड़ लड़की कैसे बने शीर्षक पर लंबा लेक्चर दिया |
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memory of togetherness |
कसम से कोई लड़का भी सुनता तो बड़े ही तमीज़ से अच्छी लड़की की तरह बर्तन मंजना सीख जाता बाद में खुलासा हुआ कि अजरा से भी कप टूटा था जो अब्बू को मिल गया था.. मैं तो अज़रा की इस हिमाकत पर इसकी मुंडी ही मरोड़ देती अगर उस को मेरी असली कप तोडू कहानी का पता ना होता
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Fun time |
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Modern era of education and play |
रूटीन लाइफ़ ज़्यादा अच्छी होती हैं लेकिन जहां गर्मियों की छुट्टियां शुरू हुई वहीं समय काटना मुश्किल हो जाता है , बहरहाल अज़रा के ज़ोर देने पर घर की दोछत्ती से अरमानों से मंगाया हुआ कैरम बोर्ड खेलने के लिए उतारा गया।अब घर तो छोटा सा है तो हम इसे खेलें कहां नीचे के कमरों में बुजुर्गो का डेरा अंदर के कमरे में अम्मी का सुई धागा और छत पर चाचू का तेज, अरे सूरज चाचू । और अगर किसी ने दिन में ऊपर के कमरे में जाने का सोचा तो उसका पापड़ बनना तय है इसलिए फ़ैसला किया गया कि नीचे के कमरे में ही शराफत के साथ धीमी आवाज में ही खेला जाएगा पर धीमी आवाज में और तमीज के साथ कोई भी खेल खेलना हम भारतीय बच्चो के शान के खिलाफ होता है ,
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Carrom का game |
अजी जब तक बात बे बात चिल्लम चिल्ली ना हो, लड़ाई ना हो,खेल के बीच एक दूसरे को मारने की नौबत ना आए ,जब तक अम्मी के दिए हुए स्नैक्स बिखर ना जाए, जब तक मेरे कहने पर बनवाई गई चाय छलक कर गिरे नहीं तब तक कहां मज़ा आता है। हां अगर उसमें अब्बू के थप्पड़ शामिल हो तो ज़्यादा मज़ा आता है बस वो थप्पड़ मुझे नहीं पड़ने चाहिए ।
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3 siblings |
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3 siblings |
हां तो अब आते हैं कैरम बोर्ड पर , कैरम अन्दर के कमरे में रख दिया गया था, वो कमरा कम स्टोर रूम ज़्यादा लगता है पर अब किया भी क्या जा सकता है । थोड़ी देर तक तो हम कैरम खेलने का कर्म कर रहे थे जो कि जल्द ही कांड में तब्दील हो गया क्युकी आख़िर कब तक हम भारतीय बच्चे अपनी युग युगान्तर से चली आ रही रूढ़िवादी परम्परा को तोड़ सकते थे , ये तो हमारे खेलधर्म का अपमान था ऐसा लग रहा था कि मानो गिट्टियां उछल के पूछेंगी कि मालकिन ऐसी कौन सी गलती हो गई है हमसे जो इतनी इज्जत के साथ खेल रही हो और ऐसे बेगाने हो कर क्यों मिल रहे हो ज़रा अच्छे से खेलो वही पुराना अपनापन तो दिखाओ।
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Game of carrom |
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Carrom |
अब अरमानों से मकड़ी के जालों से उलझकर निकाला गया कैरम दोबारा कोने में रखने की नौबत आ गई थी लेकिन मैंने सब को समझाया कि हम इस तरह से भी समझदारी तमीज और सब्र के साथ खेल सकते हैं लेकिन किसी ने मेरी बात पर ग़ौर ही नहीं किया सब अपने में मग्न थे थोड़ी देर तक तो खेल अपने विधिवत रूप में चलता रहा लेकिन अचानक मेरी क्वीन कोई और ले उड़ा मैंने उसे जीता नहीं था पर मेरी चील सी नज़र हमेशा क्वीन पर ही गड़ी रहती है चाहे वो कैरम बोर्ड पर हो या किसी के हाथ में हो वो मेरी क्वीन है तो मेरी ही है कुछ मामलों( लगभग सभी मामलों में) में मै बेहद ज़िद्दी और बदतमीज हूं जैसे ही मेरी क्वीन को मेरी बहन ने जीता वैसे ही इतनी देर से संभाली हुई मेरी भावनाएं बोर्ड उलटने के साथ बह ही गईं पागलपन में मैं तो कैरम का साइज़ और उसके पटकने से निकलने वाले शोर का अंदाज़ा ही लगाना भूल गई लेकन इससे पहले कि मेरे अब्बू लाठी लेकर मेरे पास आते कोई फरिश्तों नुमा इंसान ने दरवाज़े पर दस्तक दे दी मुझ पर निकलने वाला अब्बू का गुस्सा कुछ यूं गरज दार आवाज़ में निकला-"कौन है?" उनकी सख्त आवाज़ सुनकर बाहर से बड़ी मिमियाती हुई आवाज़ आई "म,,म,,मैं हूं।"
अभी तक मैं जिसे फरिश्ता मानकर दुआएँ दे रही थी वो सारी दुआएं गुस्से में तब्दील हो गई
हद है भई, आख़िर लोगों को हुआ क्या है ,जिस भी दस्तक देने वाले से पूछो जवाब में मैं हूं ही सुनने को मिलता है अरे हम कोई चिट्टी विट्टी है क्या जो दरवाज़े के पार स्कैनिंग कर लेंगे कि कौन आया है चोर या रिश्तेदार? अरे अपना नाम तो बताइए , हेंह खैर इस बात को एक तरफ़ रखते हुए हम आगे बढ़ते हैं क्युकी अगर हम चाहे तो इस बात पर भी कम से कम 100 नोवेल्स लिख डाले।
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Marriage invitation card |
हां तो दरवाज़ा खोलने पर पता चला कि डाकिया डाक लाया हैं हेहेहे अब डाकिया आइसक्रीम लेकर थोड़े ना आयेगा बड़ी ही बकवास बात थी
डाकिए के जाने के बाद हमने कूरियर को खोला तो मेरे चाचा की बेटी की शादी का कार्ड निकला को कि मुझसे दो साल छोटी है कार्ड को देखकर ही मेरे अब्बू और दादी निहाल हुए जा रहे थे मानो वो बारात का स्वागत और मेरी बहन की रुखसती निबटा चुके हो। खैर मैंने कार्ड पर तारीख देखा, और अपने प्यारे कूलर पर हाथ फेरते हुए सोचा कि इतनी भयंकर गर्मी में तो मैं अपने प्यारे घर को छोड़ कर कहीं न जाऊं ( जी हां वहीं प्यारा घर जिसके छोटे होने पर अबतक मैं रो रही थी)
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Siblings |
"जम्बो जाएगी" इस बात को सुनते ही मेरे होश फाख्ता हो गए और मेरा हाथ कूलर से बहुत तेज़ी से झटका खाते हुए फिसल गया ऐसा लगा जैसे कभी कभी कूलर में उतरने वाला करेंट मुझे लग गया मैंने देखा मेरे अब्बू ने बहुत ज़ोरदार आवाज़ में इसका ऐलान किया था अब अब्बू की बात काटना किसी के बस में नहीं होता है मेरा दिल मुंह को आ गया तभी मेरी दोनों कमीनी बहने जो कि इस शादी में जाने से बच रही थी मेरे जाने के लिए वक़ालत करने लगीं -" हां अब तो बेचारी ने एग्जाम भी से दिया है सारा दिन पढ़ती रहती है ज़रा इसको भी तो छुट्टी नसीब हो""
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Summer's degree |
मेरी छोटी बहन ने तो फौरन अलमारी से मेरे दो सूट भी निकाल दिए मेरा बस्ता तो उसी दम तय्यार हो जाता अगर मैंने सबको अपनी मंजूरी देकर शांत ना कराया होता, कि हां भई मै चली जाऊंगी।।
अब तो सफ़र करना ही पड़ेगा,, ख़ूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे तीन यार मैं, भारतीय रेल का suffer और ये प्यारा गर्मी का मौसम
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Train ka safar |
क्या कहा आपको नहीं है इसका तजुर्बा?? तो हम किस लिए है?? जंबो बताएगी ना की, ।।वापिस आइएगा ज़रूर...
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fun Doctor with fun dose |
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ओके टाटा एंड टेक केयर,😊
Aage ki story ki link mail karna mujhe plz
ReplyDeletePrhtmhndr@gmail.com par
Thanx sir, we hope you enjoy this part, next part jaldi hi publish karenge ap sab k liye ..
DeleteThanx again
Wahi andaz-e-bayan jiska lutf hum eid ki siwainyon ke sath liya karte the. Aage ki kahani ka intzar rahega.
ReplyDeleteJi jaroor, ap sabhi ka pyar isi tarah milta raha, to ye silsila yu hi chalta rahega.
DeleteThanx for appreciation and support.
Very good Dr. Sahab
ReplyDeleteThanks for appreciation Dr. Sahab
DeleteGood and great job
ReplyDeleteNice story
Thanx for reading this story brother, and for appreciation
DeleteRegards whole team
Outstanding
ReplyDeleteThank you very much for your comment dear.
DeleteRegards whole team
Good story 🥰🥰🥰...keep it up
ReplyDeleteNext story post krna to notify kriyega
Shukriya dear, apne ye story padhi, and like kiya, surely next part ane par apko notify kiya jayega, bas sath bane rahiye aur dusro ko bhi share kijiye.
DeleteRegards whole team
Thank you fun zakheera for such a nice story.
ReplyDeleteThanx dear for liking our step.
DeletePlease do share this to your known too.
Regards whole team
Awesome story 👍
ReplyDeleteThanks dear, please do support us. And share this to your family and friends.
DeleteRegards whole team
Wah Bhai Mujhe Bhi Apna Bachpan Yaad Aa Gaya, Aage Ki Kahani ka Intizar Rahega
ReplyDeleteShukriya bhai, hausla afzayi ka, ap logo ka pyar aur sath milta raha, to in sha Allah hamara sath yun hi barqarar rahega, aur aage bhi hamari team apni poori koshish karegi ki ap logo ko hamara blog pasand aye.
DeleteShukriya again
बहुत खूब बहना, लिखने का अंदाज़ मुझे बहुत ही पसंद आया... एक एक छोटी सी बात को बहुत ही सलीके से सवार कर प्रस्तुत करने की सलाहियत हर एक में नहीं होती... मेरी दुआ है इसी तरह लिखती रहो और बहुत आगे जाओ अपनी जिंदगी में... आमीन!!
ReplyDeleteThanx sister, mujhe bahut khushi hai ki apko mera andaz e bayan pasand aya, ap k comment se aisa laga ki mujhe meri mehnat ka reward mil gaya ho, apka bahut bahut shukriya .
DeleteBahut bahut shukriya, and Ameen
Wow its too gud .Kya andaz e bayan hai aisa laga padhte waqt jaise hum live koi drama dekh rahe hon seriously hum poori tarah usi mein kho se gaye kuch der to very nyc too gud👍👍😊😊😊n plz next jaldi send karna ok
ReplyDeleteThanx dear, apko hamari koshish pasand ayi, ye jankar ham sabhi ko bahut khushi ho rahi hai, surely we publish next part very soon.
DeleteHello friends, if you want a personal notification for new posts, then please add yourselves in email subscription. Then you can get a personal notification email of new publish blog.
ReplyDeleteThanx friends for joining this journey.
Bahot khoob hahahahah
ReplyDeleteThanx for comment.
DeleteWow very nice.
ReplyDeleteKhi khi khi khi 🤭🤭🤭
Nice story.👌
ReplyDeleteकिरदार सामने से गुजरते रहे,
और कसम से मैं तो वहीं खो गई,
God Bless You Siddiqui Huriya...👍
Thanks ma'am for the appreciation,
ReplyDeleteDuao ka talabagar.
Team Fun Zakheera
It's my pleasure...!!!
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